मिट्टी की दीवारें
Wednesday, June 12th, 2019स्त्री चार-दीवारी मे ही सुरक्षित है।वो चार -दीवारी मिट्टी की भी हो सकती है।
स्त्री चार-दीवारी मे ही सुरक्षित है।वो चार -दीवारी मिट्टी की भी हो सकती है।
शानी का मन आज किसी भी करवट चैन नहीं पा रहा था। अम्भुज एक हफ्ते के लिए विदेश चले गए थे और राजू भी आज रात दोस्तों के पास रहने चला गया था। समस्या घिर आई कि घर में पसरे सन्नाटे को वो किस युक्ति से झेले? तो उसे याद आया कि वह कई बार […]
१… धूसर धूमिल धरा हुई धुँधला नील गगन हुआ कैसे टेरूं पी की गलियांं अँधियारे में बूझूं कैसे मन का ताप धुँधलाहट में सूझे न कोई राह ! * २… नि:शब्द सन्नाटे में मौन मुखर हो उठता है होंठ वरते हैं नीरवता आँखे ज़ुबान बन बतियाती हैं।। * ३… इक ख़्याल दिल लगाने को महफिलों […]
सब कुछ लुट जाने पर इंसान फिर भी ईश्वर के पास जाता है।
सफलता पाने के लिए दृढ़-संकल्प होना आवश्यक है ।
सुख-दु:ख से परे ‘अज’ से मिलने की ज़िंदगी की चाह !
बेनाम सी गहरी उदासी जब घिरी दिल के क़रीब इक बर्क़ सी लहराई जहाँ हसीन लम्हे थे इस ज़िदगी में दर्द़ो-ग़म का भी अपना मुक़ाम था * मिले-जुले वक़्त से तारी थी ज़िंदगी लम्हा हसीन था इक,मैंने उसे छुपा के सबकी नज़रों से बचा के,इक गोशे में बरसों से थपकियां दे सुलाए रखा है * […]
My Ego is part of me.I can not seperate it from my self.
Bad weather does distruction to a ready crops of wheat but the sun saves it .
कुछ लफ़्ज़ों को दी है दावत ग़ज़ल बुनने का ख़्याल लिए, ग़र लब कर बैठे बग़ावत तो ख़ामोशी से पी लेंगे नम आँखों में उतरे ख़्यालों को । क्योंकि, अश्कों की मय में डूबकर ही मुकम्मल होंगे ग़ज़ल के अशआर ।। * जज़्बात का आईना हैं ये आँखें दोस्ती की फितरत आँखों से सीख यारा, […]