Archive for October, 2018

फागुन की मीठी धूप

Saturday, October 20th, 2018

Spring brings comfort as winter makes you tired of cold weather.Welcome ..Fresh sunrays of Spring.

दुश्मने जाँ (ग़ज़ल)

Saturday, October 20th, 2018

Loved him passionately but he always tried to behave indifferently.

हिम्मत कर

Friday, October 19th, 2018

Always be positive.

मुकम्मल रिश्ते

Friday, October 19th, 2018

दम तोड़ते रिश्ते बड़े बेमानी से होते हैं सिर्फ बातें ही बातें होती हैं बातों में थाह नहीं होती निगाहें टिकी तो होती हैं नज़रें भटक रही होती हैं कुछ कहने को खुलती है ज़ुबां शब्द-कोष ही रीत जाते हैं ..निर्विकार चेहरों के भाव मंजे हुए बनावटी मुखौटे इक-दूजे से कतराते हैं चाहते हैं रिश्तों […]

अनदेखे ख़्वाब

Friday, October 19th, 2018

We have many dreams but we are not able to see them .We miss them and feel sad for not fulfill them.

उजड़ी बस्ती

Thursday, October 18th, 2018

सब कुछ लुट जाने पर इंसान फिर भी ईश्वर के पास जाता है।

सतरंगी धूप

Wednesday, October 17th, 2018

सफलता पाने के लिए दृढ़-संकल्प होना आवश्यक है ।

अद्वितीय ‘अज’

Tuesday, October 16th, 2018

सुख-दु:ख से परे ‘अज’ से मिलने की ज़िंदगी की चाह !

मैंने उसको छुपा के…

Monday, October 1st, 2018

बेनाम सी गहरी उदासी जब घिरी दिल के क़रीब इक बर्क़ सी लहराई जहाँ हसीन लम्हे थे इस ज़िदगी में दर्द़ो-ग़म का भी अपना मुक़ाम था * मिले-जुले वक़्त से तारी थी ज़िंदगी लम्हा हसीन था इक,मैंने उसे छुपा के सबकी नज़रों से बचा के,इक गोशे में बरसों से थपकियां दे सुलाए रखा है * […]

कुछ शे’अर

Monday, October 1st, 2018

बेवफाई की इंतिहा की है नींद ने खुद सोती है मेरे बिस्तर पर हम उसकी राह तकते जगते रहते हैं रात भर।। *—-*— इक अश्क बेज़ार हो आँख से ढुलका दूजा पलकन की ओट में अटका किया शिद्दत थी दर्द़ की इस कद्र कि आँख की किरकिरी बना रह गया ।। * तसल्ली —– छिपाए […]