Archive for October 27th, 2009

हाहाकार

Tuesday, October 27th, 2009

झोपड़िया की टूटी छत से टप-टप टपकता जल जीवन भिगोता, कँपकँपाता इमारतें बनानेवाला तन! फटे चिथड़ों में लिपटते रेशमी परिधान बनानेवाले पिचके पेट, अन्न को तरसते जग का पेट भरने वाले ! कूड़े के ढेर पर पलते कूड़ों का ढेर उठाने वाले घुटने पेट में गाड़,ठिठुरते नरम कंबल ,रजाई बनानेवाले! अन्याय का हाहाकार– अत्याचार, असंतोष […]