Archive for January 31st, 2008

इक विश्वास

Thursday, January 31st, 2008

कल देर तक आँधी चली ढेरों बौर गिरे कच्ची अम्बियाँ भी गिरीं पेड़ के नीचे लाशों का ढेर लाशें उठवा ली गईं अँधेरा हटा, पवन थमा धूप की किरणें चमकीं लाशों को टोकरी में डाल ढेरों मसाले लगा ज्यूँ मिस्र की ममी पिरामिड में सहेजी अम्मा ने भी सहेजीं काँच के मर्तबान में मसाले लगा […]