धराशायी आत्मा
Tuesday, January 29th, 2008फ़ीकी पड़ी शालीनता की शान राजनीति में लहूलुहान हुई नेता की आत्मा कूटनीति में बुलंद हौंसलों से चले थे ढोने देश का भार संकीर्ण संविधान के कानूनों ने दी करारी मार | स्पष्ट बहुमत न ले जब एक दल न सँभाले गद्दी प्रतिशत बढाने को एलायंस की मार सहे वही कैसे चले- फिरे, खाए रोटी […]