हिंदी दिवस पर एक हल्का- फुल्का आलेख
Sunday, September 16th, 2007यहां यू. एस में किसी ने मुझसे कहा ‘आप अपनी रचनाऍं रोमन अंग्रेज़ी में भी लिखें, जिससे हम पढ़ सकें|भाषा भी ईज़ी होनी चाहिए, जो समझ आ सके|वही जिसमें हम -आप बोलते हैं|वैसे बैस्ट तो यही रहेगा कि आप कैसेट ही बनवा दें, जिससे हम कार में सुन सकें|एक्चुअली यहां टाईम बहुत कम मिलता है […]