वही मन्ज़र
Monday, September 24th, 2007बीती हुई यादों का मुँह चूम लिया है मैंने वक़्त…. जो सदा से वहीं ठहरा था, उसकी नब्ज़ चल पड़ी है वो पहली मुलाकात वक़्त की रफ्तार में जो पीछे छूट गई थी आज फिर से वही मन्ज़र देख ज़हन में ताजी हो उठी है जो जज़्बात कब्र में दफ्न हो गए थे जिन पर […]