सहेली
Thursday, August 23rd, 2007‘बीजी! ऐ मेरी पक्की सहेली ए शानी !” कहते हुए साशा ने अपनी दादी के गले में दोनो बाहें डालकर लाड़ किया|बीजी के कलेजे में सहस्त्र जल-धाराओं की ठंडक पड़ गई |उन्होंने भी उसे जोर की जफ्फी डाली|फिर शानी को पास बुलाकर उसके सिर पर भी प्यार से हाथ फेरा|”ऐ तां बड़ी सोंड़ी ए!”य़ह सुनते […]