Archive for the ‘Random’ Category
sannato ke pahredar
Tuesday, September 30th, 2014सन्नाटों के पहरेदार प्रथम संस्करण १९९९ प्रस्तुत है- द्वितीय संस्करण मन हर्षित है कि “सन्नाटों के पहरेदार” के पंद्रहवें वर्ष में पदार्पण पर इसका द्वितीय-संस्करण प्रस्तुत किया जा रहा है |१४ सितम्बर को हिंदी-दिवस के उपलक्ष्य में हिंदी-भाषा पर चार कविताएं,दो ग़ज़लें और दो अन्य कविताएं इनमें और डाल दी गई हैं |हिंदी भाषा के […]
मैं और मेरा दोस्त
Friday, August 22nd, 2014How my husband got acquainted with famous film star Shri Raj Kapoor. The friendship which lasted forever.
Films n’Radio Programmes I did
Friday, July 29th, 2011कुछ फिल्मों में काम किया था | दबाव था कि ,आप मुम्बई में रहें , यह संभव नहीं था, क्योंकि मेरी प्राथमिकता मेरा परिवार था |खैर, ८० के दशक में शायद १९८८ में मैंने पहली फिल्म की |- १–सन्-१९८८–पंजाबी फिल्म–“पुर्जा-पुर्जा कट मरे” ड़ायरेक्टर-सुरेन्दर साहनी , मेन कास्ट-गुग्गू गिल और उपासना सिंग, शूटिंग –काहलों गाँव में […]
List of my stage-plays:-
Monday, July 25th, 2011स्कूल में नर्सरी-क्लास से ही मैं स्टेज़ पर शो करती थी |अतीत धुँधला सा गया है, कुछ अधिक याद नहीं आ रहा |हाँ, १–सन -१९५७ में हिन्दी नाटक , “नूरजहाँ” में नूरजहाँ के रोल के लिए मुझे बैस्ट एक्टिंग का अवार्ड़ मिला था | २–सन्-१९५८-में हिन्दी नाटक , “भिक्षुणी”-के लिए फिर बैस्ट एक्टिंग का अवार्ड़ […]
सूची
Saturday, July 23rd, 201148—-Hindi Play”Tootan”Part –1 In September–1994-near Jalandhar By Mr. Mumtaz Beg. 49—Hindi play “Tootan” -part 2 In Sep–1994–By same Director 50—Punjabi Play , “Udeekaan”-Part-1 In–1994–in a village near Kapurthala–By -Baldev Salhotra 51—Punjabi Play- , “Udeekaan”-Part 2 In –1994 , By Baldev Salhotra 52—“-Viraasat” -tele-film in Punjabi My Best ever mother’s role , shoot at village “Varyaana” […]
सूची–
Thursday, July 21st, 2011The list of my T.V shows, The films I acted in, the radio – programmes I did, the stage -shows I performed, the achievements I was recognised for.
हजारे के हाथ ,हम हैं साथ्!
Thursday, April 7th, 2011समाज-सेवी अन्ना हजारे ने जो मुहिम छेड़ा है ,वह हम और आप सब के मन की आवाज़ है|भ्रष्टाचार के ख़िलाफ हम भी आवाज़ उठाना चाहते हैं| आज से नहीं सालों से|लेकिन चुपचाप घर में बैठ जाते हैं , रोकर या कुढ-कुढ़कर बस अपने चार पहचान के लोगों से बातें करके मन की भड़ास निकाल लेते […]
इक फौजी की दास्तान
Thursday, March 24th, 2011a story about the life and experiences of an army man on the border area.
नोबेल प्रश्नचिन्ह के दायरे में!
Sunday, October 11th, 2009अमरीकी राष्टृपति बराक ऑबामा को वर्ष २००९ का शान्ति का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा होने पर सारा विश्व असमंजस में है | शांति स्थापित करने का प्रयास करना एवं बेहतर भविष्य की उम्मीद जगाना (वो भी भाषणों में)…इससे वे शांतिदूत की पदवी कैसे पा गए? हैरानी होती है नार्वे की नोबेल पुरस्कार समिति पर| […]