मोह के धागे
Tuesday, May 3rd, 2016the intensity of relations changes with the passage of time.
the intensity of relations changes with the passage of time.
कई बार पिछले जन्म की यादें बनी रह जाती हैं जिसका एक उदाहरण यह कहानी है।
http://veenavij.com/%e0%a4%b6%e0%a5%81%e0%a4%9a%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a4%82%e0%a4%ac%e0%a4%82%e0%a4%a7%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%80/
संबंधों को लादना नहीं ,सच्चाई से संभालना पड़ता है।
उन के बीच में पारदर्शिता होनी आवश्यक है।
जनाब बशीर अहमद साहब के परिवार में सबने रोज़ा रखा था | रमज़ान का पाक़ महीना था | हर सच्चा मुसलमान जो धर्म में आस्था रखता है , वो पूरे महीने भर रोज़े रखता है | बशीर भी वैसे ही थे | सुबह उनकी कार कोठी के गेट से जैसे ही बाहर निकलने लगी, वहाँ […]
चारों ओर से तेज रोशनी का प्रकाश और लाल रंग का आधिपत्य ।उफ़ यह तो लाल खून है । दीवारों पर लाल छींटे तो धरा पर लाल -लाल बिखरा कीच । वहीं इस कीच के मध्य नन्हे -नन्हे नंग -धड़ंग ढेरों भ्रूण हैं और नवजात शिशु भी खून से लिपटे हाथ-पाँव मार -मार कर चीत्कार कर […]
तुरपाई ..की कहानियाँ आज के दौर में संबंधो में आई तब्दीलियों को पकड़ने का प्रयास करती हैं , और उन मुद्दों का संवेदनात्मक बोध कराने की तरफ अग्रसर हुई हैं। इसमें 20 कहानियाँ हैं। नई संभावनाओं के संकेत देखिए… Turpai and Other Stories (तुरपाई तथा अन्य कहानियाँ) – Hindi Short Stories By Veena Vij तुरपाई […]
चार दिन हो गए थे बारिश रुकने का नाम नही ले रही थी । बिजली भी कभी आती , कभी चली जाती थी । जीवन अस्त व्यस्त हो गया था । दुकाने बंद ,स्कूल बंद, सारा कारोबार ठप हो गया था ।पानी के शोर में सब अवाजे विलीन हो गई थी ।बारिश का ऐसा कहर […]
मग़रिब से आती हवाओं के रुख़ से ज़िंदगी-ए-आम डगमगाने लगी है | हाक़िम ख़ुद क़ज़ा की दवा देते हैं सुन कफ़स में कैद रूहें फडफडाने लगी हैं | आँधियों को गुलिस्ताँ में पनाह देने से सिली-सिली शबनम भी गर्माने लगी है | तंग आ चुके हैं ख़तो-खिताबत से वस्ले यार मेरा सब्र आज़माने लगी है […]
How my husband got acquainted with famous film star Shri Raj Kapoor. The friendship which lasted forever.