खड़ूस (कहानी)
Sunday, June 12th, 2022बुढ़ापे में पति और पत्नी की नोक झोंक चुप चलती है लेकिन वह एक दूसरे के बिना जी नहीं पाते। इस कहानी में यही है।
बुढ़ापे में पति और पत्नी की नोक झोंक चुप चलती है लेकिन वह एक दूसरे के बिना जी नहीं पाते। इस कहानी में यही है।
एक ऐसी नारी के विमर्श की कहानी, जिसे समय से समझौता करना पड़ा और अपनी इज्जत गंवानी पड़ी। इज्जत की तुरपाई करना चाहती है अर्थात इज्जत बचाना चाहती हैं।
सारी रात इंतजार ही रहा इश्क में।
Describing the importance of mother in her child’s life.
मूक क्रंदन (कहानी) “कुछ चाय वाय पी हो कि नहीं?-सुबह उठते ही रियाज़ करने बैठ जाती हो बिटिया! “ दद्दा के पूछने पर मेरे हाथ की उंगलियां सितार के तारों पर वहीं रुक गईं और उनकी लाड़ भरी परवाह मुझे अभीभूत कर गई। मैंने उनकी भावनाओं को समझते हुए कहा , ” हम […]
पैसे के प्रलोभन में फंस कर भारतीय सेना से गद्दारी करने का अंत!
नाम भर की (लघु कथा) ढलती उम्र की जाती हुई बहार जो भी कष्ट देती है उसे सहना ही जीवन क्रम बन जाता है। कुछ दिनों से एहसास हो रहा था कि अब यह जिंदगी चंद दिनों की मेहमान ही रह गई है इस जग में । सो , बैठे-बैठे एक लिस्ट बना रही […]
ममता की मारी तीन-चार दिनों से बेटे का विदेश से फोन ना आने पर रमा को हर पल बेचैनी घेर रही थी । आखिरकार हार कर रमा ने व्हाट्सएप पर उसे कॉल कर ही दी। उधर से बेटे ने खीझ कर कहा ,” क्या करती हो मां ? मैं काम निपटा कर सोने लगा था। […]
समकालीन परिस्थितियों पर आधारित ..
कोरोना महामारी की विपदाओं से जूझते परिवार की त्रासदी की गाथा!
कुण्ठित समाज के नागपाश से ग्रसित नारी की हृदयग्राही कथा…. ” बिट्टी ” अरे ओ बिट्टी, कहां दौड़ाए लिए जा रही हो हमें? कहते हुए बाला ने तनिक रुक कर सांस लिया और बिट्टी का हाथ छोड़ सामने फैली हरियाली को आंखों में भरा। दूर-दूर तक फैले खेतों की मुंडेरों पर वे दोनों दौड़-दौड़कर […]