ममता की मारी ( लघु कथा)
ममता की मारी
तीन-चार दिनों से बेटे का विदेश से फोन ना आने पर रमा को हर पल बेचैनी घेर रही थी । आखिरकार हार कर रमा ने व्हाट्सएप पर उसे कॉल कर ही दी। उधर से बेटे ने खीझ कर कहा ,” क्या करती हो मां ? मैं काम निपटा कर सोने लगा था। बहुत रात हो गई है। थका हुआ हूं । सुबह ऑफिस भी जाना है।”
रमा ने छूटते ही कहा,” सो जा बेटा, बस तेरी आवाज सुन ली है। चैन आ गया है ।”
और झट फोन बंद कर दिया।
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वीणा विज’उदित’
20/6/2021