पिघलती शिला
मुम्बई के सांताक्रुज हवाई-अड़्डे से बाहर निकलते ही वैभव ने चारों ओर नजर दौड़ाई|राजेश तो नहीं दिख रहा था, अलबता सामने भीड़ में हाथ हिलाते हुए ऊष्मा जरुर मुस्कुरा रही थी|राजेश की कमी का ध्यान न करते हुए वैभव की
आंखें ऊष्मा को देख्कर खुशी से चमक उठीं|पास पहुंचकर उसने अर्थपूर्ण मुस्कुराहट बिखेरते हुए ऊष्मा से कहा,”गाड़ी तुम लेकर आई हो क्या? राजेश क्यूं नहीं आया? तुम्हे अधिक इंतजार तो नहीं करना पड़ा?क्या फोन देर से मिला…..?ऊष्मा उसकी बात काटते हुए बीच मे ही बोली, “क्या सभी सवाल अभी पूछ लोगे? हां, गाड़ी मैं लेकर आई हूं|भैया सिंगापुर गए हुए हैं|इंतजार …!हां, केवल आधा घन्टा देर से आई है फ्लाईट |तो इंतजार तो करना ही पडा| अब साँरी मत कहना, चलो बाहर चलें|
Pighaltee Shila
Pighaltee Shila – a collection of Hindi Short Stories – Buy this book
Published by Diamond Publications X-30 Okhla Industrial Area, Phase II, New Delhi 110020 www.diamondpublication.com; sales@diamondpublication.com
2004 (Rs. 200.00)
ISBN:81-89182-12-9
With arrangement with Authors Guild of India
February 3rd, 2009 at 1:20 am
pls send me stories thank you……….
November 21st, 2011 at 6:12 am
pls write small stories because the stories are too long…….
November 21st, 2011 at 6:15 am
The stories are good but don’t forgot about the stories it should be short.I will visit this blog once more.