भारत माँ के भाल
नन्हे बाल! तुम हो भारत के भाल
कर्मभूमि को बना तपोभूमि की ढाल
गाँधी की पुकार बनो अन्ना की मशाल!
नन्हे बाल…
दे दो नन्हे हाथ,दुर्बल हाथ,यतीम हाथ
हाथों में हाथ ले लें रूप विकराल
नन्हे बाल…
नीति से परख राजनीतिि, चलो कूटनीति
निर्मूल उखाड़ भ्रष्टाचार करो कल्याण
नन्हे बाल…
हक़ की रोटी,हक़ की शिक्षा,हक़ जीने का
पाओ हक़ अपना ,भारत है भूखंड विशाल
नन्हे बाल…
परिश्रम से पाओ विश्वममंच पर स्थान
इंसाफ कर दिखा दो, जलवा-ए- जलाल
नन्हे बाल!तुम हो भारत माँ के भाल।।
वीणा विज’उदित’