Archive for November, 2022

मूक क्रंदन ( कहानी)

Thursday, November 10th, 2022

मीरा के भीतर का मूक क्रंदन आखिर मनोज ने सुन लिया और वह भी जीवन जी सकी, उसके विश्वास भरे आश्वासन पर।

मैगनोलिया जैसी खिली (कहानी)

Thursday, November 10th, 2022

अकेलापन इंसान को खत्म कर देता है उसे लगता है मैगनोलिया के पेड़ की तरह मैं भी 12 मास खिला रहूं। उसकी बेटी उसको जीवन का मकसद देती है जिससे वह खिली रह सके।

मान्यताएं

Thursday, November 10th, 2022

शेष होकर भी अशेष(कहानी)

Thursday, November 10th, 2022

जीवन में बहुत कुछ ऐसा भी होता है जो शेष होकर भी अशेष रह जाता है ,तब उस अधूरे को पूरा करते-करते ही इंसान जीवन निकाल देता है। क्योंकि वह उसे सुधार नहीं सकता।