हथेली पर सूरज
Sunday, April 4th, 2021जिंदगी के कष्टों को झेल कर हार नहीं मानना। हौंसले बुलंद करके अपनी हथेली पर सूरज उगा लेना चाहिए अर्थात पराई रोशनी के सहारे नहीं खोजने चाहिए।
जिंदगी के कष्टों को झेल कर हार नहीं मानना। हौंसले बुलंद करके अपनी हथेली पर सूरज उगा लेना चाहिए अर्थात पराई रोशनी के सहारे नहीं खोजने चाहिए।
प्रवासी भारतीय बनने का यह मतलब नहीं कि अपने संस्कार अपने देश के विचार सब भूल जाए। समय-समय पर तीन चौके का समय उसको चेतावनी देने आ जाता था। कभी अच्छी खबर लेकर तो कभी बुरी खबर लेकर। दुख सुख का संगम ही जीवन है।
झूठ के बल पर कोई बात सफल नहीं होती। जैसे रेत के ऊपर इमारत खड़ी नहीं हो सकती।