Archive for August 15th, 2018

सवालों से भरी कोंपलें

Wednesday, August 15th, 2018

हम अपने लिए कुछ न कुछ तलाशते ही रहते हैं । प्रकृति को देख कुछ नए प्रश्नों के उत्तर भी तलाशते हैं, जो ईश्वर की ओर ले जाते हैं हमें।

निमंत्रण न दो

Wednesday, August 15th, 2018

आशाऎं जगाकर निराशाऎं नहीं दो किसी को ।

प्रखर रश्मिरथी

Wednesday, August 15th, 2018

Bad weather does distruction to a ready crops of wheat but the sun saves it .

मधुर संग

Wednesday, August 15th, 2018

जिनके ख़्यालों में हर दम रहते हैं, उनके मधुर संग की कल्पना की प्रसन्नता है ….इस कविता में ।