Archive for August, 2011

अनुमोदन

Friday, August 26th, 2011

иконографияज्यूं -ज्यूं इम्तिहान खत्म हो रहे थे,, कैली का मन अजीब ऊहापोह से घिर रहा था |अब आगे क्या है? ग्रेजुएशन तक बचपन व जवानी का एक अहम हिस्सा सीधी लकीर पर चल रहा होता है |कब बचपन ने मुँह मोड़ा ,कब जवानी ने आकर गलबैयाँ डाल लीं, पता ही नहीं चलता है |लेकिन अब […]

देश की क्यारी

Monday, August 15th, 2011

свети минаПравославни икониचमन की बेतरतीब लुभावनी क्यारी दामन थामे बहार का खिलखिलाती ढेरों रंग-बिरंगे फूल इक साथ उगाती लगे, बागबान की मूढ़ बुद्धि दर्शाती नया जमाना, हर रंग चाहे अपनी क्यारी अस्तित्व की होड़ में टहनियाँ भिड़ जातीं अखंड़ भारत के गुल्शन में रहें सब साथ जात-पाँत की व्याधि ग़ार में ड़ुबाती छोटे-बड़े, अमीर-ग़रीब का […]

वक्त की बरबादियाँ-ग़ज़लl

Wednesday, August 3rd, 2011

Its about WAQT or TIME,how it ruined me just because of your betrayal.