चुभन (दूसरा भाग)
Wednesday, May 6th, 2009रजत की साधारण नौकरी उनके लिए कोई मायने नहीं रखती थी | वे अपनी बेटी से बेहद प्यार करते थे, तभी उसकी खुशी के लिए उन्हें झुकना पड़ा | दो प्यार करने वालों को मिलाकर अब वे हार्दिक प्रसन्नता व आत्मिक शान्ति का अनुभव कर रहे थे | वे अपनी लाडली बेटी को हर हाल […]