स्व गुंजन नाद

चूंकि शब्द धरा में गड़ पेड़ बन गए थे
आज टहनियों के घर मेहमां हुए हैं फूल ।।

यही फूलों का वंदनवार लिए पुन:आपके समक्ष हूँ। जिनमें एहसासों की अनुभूति गुंथी हुई है । जबकि कोई एहसास कभी सीधा छाती का द्वार खटखटाकर आता है फिर रगों में बहते लहू में घुलमिलकर अभिव्यक्त होता है तो कोई सीधा दिल के अंधेरे गोशों में जाकर छुप जाता है और धीरे-धीरे व्यक्त होने के हालात भाँपता है। ठहरे-ठहरे से सलेटी मेघ ज्यूं ही करवट लेते हैं तो अर्श से एक मद्धम प्रकाश धरा पर छा जाता है। उसी प्रकार चेतना एक बार करवट लेती है तो इंसान में अपने बीते हुए कल के खट्टे-मीठे अनुभव अभिव्यक्त करने का सामर्थ्य पैदा होता है। अँधेरे गोशे तब प्रकाश की किरण के लिए छटपटाते हैं और काव्य सृजन हो जाता है।
ओशो कहते हैं,”किताबों में पड़े हुए अक्षर मर जाते हैं। इसलिए मैं उन अक्षरों की बात करता हूँ जो मैंने बीज की तरह आपके अंतर में बो दिए …’अक्षर’ जो अन्तर में उतर जाते हैंं, वो मरते नहीं और मैं उनमें धड़कता हूं।”यही हर सृजक का ख़्वाब होता है। एक भाव को लेकर कवि अपनी कल्पनाओं व यथार्थ के तंतुओं से कला के तल पर एक भावनात्मक धरातल संजोता है और उस भाव को आकारमय करता है कि पाठक भी सृजक की भावनाओं का हमसफर बन जाए। ऐसा ही कवि त्रिलोचन कहते हैं कि पाठक कुछ कविता को समझे व कुछ कयास लगाकर पूर्णरूपेण उसी भाव में बह जाए। तभी वह रचना सार्थक है। अरस्तू के अनुसार,”काव्यगत वक्रता काव्य का प्राणभूत सौन्दर्य है।”
योरुप में जो व्यक्ति काव्य के रस में अपने को डुबो नहीं सकता उसे संस्कृति विहीन माना जाता है। अपनी अनुभूति तथा अन्तर्ध्वनि को आत्म-साधना के अनुरूप अभिव्यक्त कर सकने में सक्षम होने सेे ही मेरी काव्य-यात्रा मुझे इहलौकिक से पारलौकिक चिंतन तक ले जाती है। और प्रेम भावनाएँ सिर्फ व्यष्टि तक नहीं अपितु समष्टिगत सफर करती हैं। इसीसेे रचनाओं में स्थिरता और गहराई का बोध होता है। और अणु से अनंत तक का सफर तय हो जाता है। रहस्य चेतना के माध्यम से अप्रतिम चंचल मन को प्रस्तुत कर रही हूँ। जो हिन्दी,उर्दू का मिश्रित घोल है। इन्हें पढ़ने में आप समय दें,इनसे आत्मसात हो जाएं तो रस का स्त्रोत उमड़ पड़ेगा।
अपनी कृति की इस पूर्व उदघोषणा से मैं आपको इससे जोड़ रही हूँ। इस राह में जिन्होंने मेरा साथ दिया,उन के प्रति आभारी हूँ। अब आप भी साथ दें,इसी मनोकामना के साथ …
वीणा विज
469-आर मॉडल टाउन
जलंधर-144003
फोन न. 9682639631

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