सूची–
48—-Hindi Play”Tootan”Part –1
In September–1994-near Jalandhar By Mr. Mumtaz Beg.
49—Hindi play “Tootan” -part 2
In Sep–1994–By same Director
50—Punjabi Play , “Udeekaan”-Part-1
In–1994–in a village near Kapurthala–By -Baldev Salhotra
51—Punjabi Play- , “Udeekaan”-Part 2
In –1994 , By Baldev Salhotra
52—“-Viraasat” -tele-film in Punjabi
My Best ever mother’s role , shoot at village “Varyaana” in January-1995 , Produced by
Baldev Salhotra
53—-Programme–“LOHRI” , in punjabi
Shoot at village nr Ludhiana , in , 1992 by–Balwant Singh.
54—-Punjabi Play-“MASEEHA” , Part 1
Sep–1995–By , Baldev Salhotra
55—“MASEEHA” Part 2
Oct–1995 , by-Baldev Salhotra
56—Play-“ZINDAGI”
In , Nov.-1995
57—-Hindi-Play , “Haay RI Kismat”
In -Jan-1996 , by Vijay Shaayar
58—Punjabi Play-“SABAK”
In–March-1996-By , Baldev Salhotra
59—Punjabi-Play , “PARCHHAAVEN”
In Sep-1996-By Balwant Singh
60—Hindi Play-“UD-BILAAV”
in -May–1997 -By-Rajesh Kaul.
61—-Punjabi-Serial , “WAAPSI”
of 52 episodes , in 1999-to-2000 , By a director from Bombay-(Private Production) Regularly telecast on thursday night at ALFA Channel.
62—-A hindi Tele-Play “JALANDHAR DOT COM”
For the Programme –“STAR BEST SELLER” comes every friday at 1-to3 P.M on Star Plus Channel in -1999. (best Daadi Role)
63—-PunjabiSerial-“Agg De Kaleere”
In–2008 , By Mr.Tadda from Bombay. (Private Production)—4 episodes.
64—Punjabi Serial , “Chann Chadyaa Samudron Paar” in August-2009 By Mr. Tadda in Tadda village.(Private-Production from Bombay) , a few episodes.
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मेरे टी.वी सीरियल ,टैली फिल्म्स, फिल्म्स , स्टेज -प्लेज़ ,रेड़ियो -प्रोग्राम्स और अचीवमेंट्स की सूचीः-
सन १९८३ में मेरे जीवन में एक नया मोड़ आया |अपनी खुशहाल ज़िंदगी में अपने तीन बच्चों के साथ रंग भर रही थी कि तभी एक नई राह का नया मोड़ सामने आया और ज़िंदगी उधर मुड़ गई |हुआ यूँ कि मेरे पति-रविजी कश्मीर में भी बिज़नैस करते हैं, सो बच्चों की पढाई के कारण मैं जलंधर में रहती थी |ए.पी. जे स्कूल के प्रिंसिपल के आग्रह
पर मैंने रविजी की अनुपस्थिती में स्कूल में पढाना आरम्भ कर दिया |वहीं हौबी -क्लास में एक दिन भारत-नात्यम की क्लास ले रही थी कि पता चला कि स्कूल मे टी.वी वाले आए हुए हैं | बात आई- गई हो गई |हम गर्मियों में हमेशा की तरह कश्मीर चले गए |
वहाँ से वापिस आने पर टी.वी स्टेशन से फोन आया कि आप कृपया टी.वी स्टेशन पधारें |
हम जून से आपके घर पर कई बार फोन कर चुके हैं , आप मिलती ही नहीं थीं |इतना आसान नहीं था, यह कदम |कुछ दिनों तक मेरे देवर व सास-माँ विरोध व आनाकानी करते रहे ,लेकिन वहाँ से बार-बार फोन आने पर मेरे पति ने मेरा साथ दिया |
वे स्वयं मुझे साथ लेकर टी.वी स्टेशन गए |वहाँ ‘नट-सम्राट’ की शूटिंग चल रही थी |उसी में एक रोल के लिए मुझसे ड़ाँयलाँग बुलवाए गए और पहले शाँट में ही सीन ओ.के हो गया |दूर-दर्शन के पहले प्रोड़्यूसर-ड़ायरेक्टर श्री सुरेन्दर साहनी का यह बहुचर्चित प्ले रहा |बस सन २००० तक फिर मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा |अब यदाकदा प्राइवेट सीरियल्स में गैस्ट-अपीयरेंस दे देती हूँ |निम्नलिखित हैं मेरे विभिन्न कार्य—–
नाटक-
१ –नट-सम्राट–१९८३, भाषा-हिन्दी, ड़ायरेक्टर-सुरेन्द्र साहनी
नाटक-
२–मेंहदी वाले हत्थ्-१९८४, भाषा-पंजाबी, ड़ायरेक्टर-बल्देव सल्होत्रा (मेन रोल)
सीरियल-
३–‘दस हजार’-१९८६-८७, भाषा-पंजाबी, ड़ायरेक्टर-सुरेन्द्र साहनी (५ एपीसोड़)
नाटक-
४–‘दीवारें’-१९८६-नव. ,भाषा- हिन्दी ,ड़ायरेक्टर-ज़ाहिद मंज़ूर (मेन रोल)
नाटक-
५–मनी प्लाँट’-सित.१९८६ , भाषा- पंजाबी, ड़ायरेक्टर-मि. बावा
नाटक-
६–‘दो पलकाँ’-अक्टू-१९८६, भाषा-पंजाबी , ड़ायरेक्टर-रविदीप
पिटारी प्रोग्राम
७–‘फिल्मी भूत’-फरवरी १९८७ , भाषा-पंजाबी , ड़ाय.–रविदीप
नाटक
८–कोठे खड़कसिंग’–फरवरी १९८७ , भाषा-पंजाबी , ड़ाय. –मि. सुरेन्द्र शर्मा
नैशनल हुक- अप के लिए नाटक
९–‘सोहनी-महिवाल’–फरवरी-१९८७ , भाषा-हिन्दी , ड़ाय-मि. सुरेन्द्र शर्मा
प्रोग्राम–
१०–कुदरत दे सब बन्दे—फर-मार्च-१९८७ ,भाषा-पंजाबी , ड़ाय. – रविदीप
नाटक–
११–‘इंसानियत’ —मार्च -१९८७ , भाषा-हिन्दी , ड़ाय.–हरजीत सिंग
प्रोग्राम–“नागरिक”
१२–‘शगन’—मार्च-१९८७ , भाषा-हिन्दी , ड़ाय.–रविदीप
नाटक–
१३—‘फरियाद’- अप्रैल-१९८७ , भाषा-हिन्दी , ड़ाय.–मि.रैना
प्रोग्राम -“दर्पण” में नाटक
१४—“मूक-संसार”–जुलाई-१९८७ , भाषा-हिन्दी , ड़ाय–रविदीप
टैली-प्ले–
१५—“प्रतिज्ञा”–सितम्बर-१९८७ , भाषा-हिन्दी , ड़ाय.–मि.कौल (बहु चर्चित मेन-रोल)
प्रोग्राम–‘नागरिक’
१६—लड़ीवार नाटक–दिसम्बर-१९८७ , भाषा-हिन्दी , ड़ाय–रविदीप
नाटक–
१७—“इदुल फितर”–मई-१९८८ , भाषा-हिन्दी+उर्दू , ड़ाय. –राजेश कौल
नाटक–
१८—‘संत सिपाही’–दिस.-१९८८ , भाषा-पंजाबी , ड़ाय.–बावाजी
नाटक–
१९—“दूर-किनारे”–मार्च-१९८९ , भाषा-हिन्दी , ड़ाय.–राजेश कौल
नाटक–
२०—“विश्वास” , अप्रैल-१९८९ , भाषा-हिन्दी , ड़ाय.–राजेश कौल
प्रोग्राम–‘रचना’–
२१— ‘शंका’ , जनवरी-१९९० , भाषा-हिन्दी , ड़ाय.–रविदीप
नाटक–
२२—“एक प्रश्न” , फरवरी-१९९० , भाषा-हिन्दी , ड़ाय. –सुरेन्द्र शर्मा ( मेन रोल)
टैली प्ले–
२३—“पारो दी वापसी” ,जुलाई-१९९० , भाषा- पंजाबी, ड़ाय. –बल्देव सल्होत्रा , गाँव-बल्लाँ
बहुत मशहूर रोल था ,जलंधर की सब अख़बारों में फोटोस छपीं थीं |
नाटक–
२४—“मुफलिस का रेड़ियो” , अगस्त-१९९० , भाषा-हिन्दी , ड़ाय. -मि. कौल
नाटक–
२५—“नई कविता” , सितम्बर-१९९० , भाषा-हिन्दी , ड़ाय.-रविदीप
प्रोग्राम–“रौनक्-मेला ”
२६—दिसम्बर-१९९० , भाषा-पंजाबी
नाटक–
२७—“फरिश्ता” , फरवरी-१९९० , भाषा-हिन्दी , ड़ाय.–राजेश काँल
धारावाहिक-नाटक
२८—‘कुज-पतरे’ , फरवरी-१९९१ , भाषा-पंजाबी ,
नाटक–
२९—“काली रोशनी” , १९९१ , भाषा- हिन्दी , ड़ाय.-सुरेन्द्र शर्मा
(मेन-रोल)
३०—हिन्दी नाटक–
“बस और नहीं” , सितम्बर-१९९१ , ड़ाय. –राजेश कौल
३१–हिन्दी–नाटक
“चुनरी” , जनवरी-१९९२—–
३२–प्रोग्राम-हर हफ्ते–
“दस्सो कौन?” , जनवरी-१९९२ से—-१० हफ्तों तक , भाषा- पंजाबी , ड़ाय. –रवि दीप
10—sh0ws
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42—-Lohri-Programme(tele -Film)–Main -role
in punjabi-January-1992 , in a village near Ludhiana by Director–Balwant Singh.
43—Play-
Scenes from a Famous Novel , January-1992 , By –Ravi deep
44—Play-
Scenes from a famous Writer’s novel in Punjabi—in February-1992 , by Ravideep.
45—Hindi Play-
“ek Mod Par” , (main role) in February-1992 , by Rajesh Kaul.
46—Hindi Play–
“Armaan”-(main-role) , in August-1992 , by Baldev Salhotra.(much appreciated)
47–Hindi Serial-
“Ehsaas”-1993—-By -Rajesh Kaul.
धारावाहिक नाटक–“टूटन” भाग–१