रूप की गाज
सन सैंतालिस के दंगों से बनारस भी अछूता नहीं रहा |करीमन बीबी रोती-पीटती अपने खाविंद का ग़म मनाती, उसकी अमानत –उसकी दोनो बेटियों को लेकर आगरा में रहते रिश्तेदारों के पास जाने को निकल पड़ी |जिनकी आस में वो आगरा पहुँची, वो लोग पाकिस्तान के लिए रवाना हो चुके थे |बेचारी मजबूर औरत उन्हीं के खाली घर में अपनी बच्चियों को लेकर बस गई |अब और जाती भी कहाँ ?…..Roop Ki Gaaj