परिचय-वीणा विज’ उदित’
वीणा विज ‘उदित’—- कलाकार , कवयित्री व साहित्यकार
लाहौर में जन्मी वीणा ने विभाजन के पश्चात मध्यप्रदेश की सोंधी मिट्टी की सुगंध में जीवन की ऊँच-नीच की शिक्षा पा कर पंजाब की धूप में चमक कर , पति के संग कश्मीर में रह कर शिकन और झुर्रियो को पनाह दी| एम.एड में जबलपुर विश्वविद्यालीय स्वर्ण पदक मिला |१९६३ में गणतंत्र दिवस परेड में मध्यप्रदेश को रिप्रज़ैंट कर बैस्ट एन.सी.सी अंडर आँफीसर बनीं | तूलिका से कैनवस र्ंगकर भी भावाभिव्यक्ति करती रहती हैं| नृत्य-नाट्य़ में बचपन से ही गहन अभिरुचि रही | १९८३ से दूर-दर्शन और आकाशवाणी जलंधर से जुड़ गईं |हिन्दी और पंजाबी के तकरीबन सौ नाटकों,धारावाहिकों व छैः फिल्मों मे सन २००० तक अभिनय किया |
शिक्षा-एम ए एम एड जबलपुर में
पति-कश्मीर में बिज़नेसमैन
संतान- दो बेटे अमेरिका में व बेटी भारत में
सम्मान -ढेरो ईनाम| कहानियो व कविताओं के लिए देश-विदेश में| जैसे २००७ में कहानी-संग्रह ‘पिघलती-शिला’को आथर्स गिल्ड़ औफ इंड़िया ने वर्ष का सर्वोत्तम कहानी-संग्रह घोषित कर लेखिका को ‘साहित्य सर्वोदय’ की उपाधि दी |समय- समय पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित-जैसे पंजाब कला साहित्य अकादमी ,श्री कृष्ण कला साहित्य अकादमी इन्दौर,सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति-कश्मीर महोत्सव आदि |सन् 2018 में “पंजाब कला साहित्य अकादमी” द्वारा “अकादमी अवार्ड” से सम्मानित ।
निवास-चार माह कश्मीर, छैः माह अमेरिका व दो माह जलंधर पंजाब
सम्प्रति- आज भी देश-विदेश में रहते हुए भी राष्ट्रीय एवम ई-पत्रिकाओं से जुड़ी रहती हैं |विदेशी व प्रवासी बच्चों को हिन्दी सिखाने एवम भारतीय संस्कृति से पहचान कराने में प्रयत्नशील रहती हैं |
कई रचनाएं अंग्रेजी एवम् उर्दू मे अनूदित ।
प्रकाशित कृतियाँ-
सन्नाटों के पहरेदार- काव्यसंग्रह
पिघलती शिला- कहानीसंग्रह
कदम ज़िंदगी के – काव्यसंग्रह
तुरपाई तथा अन्य कहानियाँ- कहानीसंग्रह
दरीचों से झाँकती धूप -काव्य-संग्रह
Autobiography और उपन्यास-लिख रही हैं।
फोन # ०९४६४३३४११४ जलंधर
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